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नितिश कुमार राष्ट्रीय फैलोशिप एनएफओबीसी के लिए चयनित

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मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्य्यन विभाग के पीएचडी शोधार्थी नितिश कुमार को दिसंबर 2023 राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी-नेट) में सहायक प्रोफेसर के लिए योग्यता के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप (एनएफओबीसी) की योजना के तहत फेलोशिप पुरस्कार के लिए चुना गया है। एनएफओबीसी समाज के अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के उम्मीदवारों की जरूरतों को पूरा करने और उन्हें उन्नत अध्ययन और अनुसंधान करने का अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस पुरस्कार का उद्देश्य ओबीसी से संबंधित बेरोजगार छात्रों को फेलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी डिग्री (पूर्णकालिक) के लिए उच्च अध्ययन कर सकें। इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मीडिया विभाग निरन्तर प्रगति और नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। स्कूल ऑफ़ कम्प्यूटेशनल साइंस , सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के अध्यक्ष प्रोo रंजीत कुमार चौधरी ने इस उपलब्धि पर वि

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिना जांच-पड़ताल के न करें सूचनाओं का प्रसारण : सुमिता जायसवाल

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मोतिहारी । महात्मा गॉंधी केंद्रीय विवि के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा चाणक्य परिसर स्थित पंडित राजकुमार शुक्ल सभागार में "फैक्ट चेक" विषयक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला प्रशिक्षक के रूप में वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया विशेषज्ञ सुमिता जायसवाल उपस्थित थी। अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने की। विशिष्ट अतिथि प्रो. प्रणवीर सिंह, अध्यक्ष, जंतु विज्ञान विभाग एवं आईक्यूएसी संयोजक थे। संचालन कार्यशाला संयोजक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील दीपक घोड़के ने की। बतौर मुख्य प्रशिक्षक सुमिता जायसवाल ने कहा कि समाचार के विभिन्न माध्यमों विशेषकर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं का प्रसारण कई बार बिना जांच- पड़ताल के ही कर दिया जाता है। जिससे समाज गुमराह होता है और कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। उन्होंने देश-दुनिया के कई प्रसिद्ध हस्तियों से संबंधित वायरल तस्वीरों के माध्यम से फेक एवं वास्तविक खबरों में अंतर पहचानने के विषय में विस्तार से जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि हमें किसी भी सूचना पर आँख बंद

शेक्सपियर की रचना आज भी प्रासंगिक और सर्वकालिक है:प्रो. संजय श्रीवास्तव

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मोतिहारी। हार्मनी, इंग्लिश लिटरेरी सोसाइटी, अंग्रेजी विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, पूर्वी चंपारण, बिहार के तत्वावधान में बार्ड के नाम से प्रसिद्ध विलियम शेक्सपीयर की 460वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर ब्लेंडेड मोड में "शेक्सपीयर टुडे इन इंडियन कॉन्टेक्स्ट" विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन प. राज कुमार शुक्ल सभागार, चाणक्य परिसर, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक सह अध्यक्ष, प्रो. संजय श्रीवास्तव,  कुलपति, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय और संरक्षक, प्रो. प्रसून दत्त सिंह, डीन, मानविकी एवम भाषा संकाय थे। संगोष्ठी के मुख्य संरक्षक और अध्यक्ष कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने अध्यक्षीय उद्बोधन में शेक्सपियर की बौद्धिक चपलता और काव्य कौशल पर जोर दिया।  उन्होंने कहा कि शेक्सपियर वर्गीकरण की अवहेलना करते हैं। उन्होंने शेक्सपियर पर इस तरह के अनुकरणीय संगोष्ठी के लिए अंग्रेजी विभाग को सराहा। संगोष्ठी के संरक्षक, प्रोफेसर प्रसून दत्त सिंह, डीन, स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड लैंग्वेजेज, एमजीसीयू ने सभा

डॉ. आंबेडकर का पत्रकारिता में अद्वितीय योगदान-प्रो. सुनील महावर

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मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग में 'बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की पत्रकारिता में सामाजिक- सांस्कृतिक चेतना' विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित हुई। कार्यक्रम के संरक्षक एमजीसीयूबी के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव थे। मुख्य वक्ता प्रो.सुनील महावर, अधिष्ठाता सामाजिक विज्ञान संकाय, विशिष्ट वक्ता नीतीश कश्यप , आरएसएस के विभाग प्रचारक, चंपारण थे। अध्यक्षता डॉ. अंजनी कुमार झा, विभागाध्यक्ष मीडिया अध्ययन विभाग तथा संयोजक व संचालक डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र थे। धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापिका डॉ. उमा यादव ने प्रस्तुत की। बतौर मुख्य वक्ता प्रो. सुनील महावर ने कहा कि देश की आजादी में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का योगदान गांधी जी से कम नहीं था। उनका योगदान केवल दलितों के लिए ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण समाज के लिए था। उनके संविधान में विशेष योगदान को कभी नहीं बुलाया जा सकता है। उन्होंने समाज की तुलना जहाज से करते हुए कहा कि जिस तरह जहाज के किसी एक हिस्से में छेद हो जाता है तो पूरा जहाज डूब जाता है, उसी प्रकार समाज के किसी एक जाति विशेष के साथ यदि अ

बाबा साहब की पत्रकारिता में सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना पर संगोष्ठी

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मोतिहारी। माहत्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा 'बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की पत्रकारिता में सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना' विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी 22 अप्रैल, 2024 को अपराह्न 12 बजे से दीनदयाल उपाध्याय परिसर में आयोजित है। कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव के संरक्षकत्व में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा और  मुख्य वक्ता प्रो. सुनील महावर, अधिष्ठाता, सामाजिक विज्ञान संकाय और विशिष्ट वक्ता श्री नीतीश कश्यप, विभाग प्रचारक, चंपारण होंगे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया हैं। संगोष्ठी के संयोजक मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र हैं।

मीडिया ट्रायल और डिजिटल साक्ष्य का महत्व सबसे अधिक : प्रो. प्रशांत

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भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर केविवि में संगोष्ठी आयोजित मोतिहारी । मीडिया अध्ययन विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 और मीडिया विषयक संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया ।  कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव रहे । वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार झा ने की । मुख्य वक्ता के तौर पर इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, एसआरएम विश्वविद्यालय लखनऊ के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रशांत कुमार श्रीवास्तव व विशिष्ट वक्ता सहायक प्राध्यापक डॉ. महेन्द्र कुमार उपस्थित रहे ।  स्वागत उद्बोधन देते हुए मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने मीडिया ट्रायल और डिजिटल साक्ष्य जैसे विषयों पर चर्चा की। साक्ष्य अधिनियम के माध्यम से मीडिया ट्रायल को नया आयाम मिला है। कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डॉ. महेंद्र कुमार ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया । उन्होंने कहा कि मीडिया समाज में सकारात्मकता लाने का काम करती है तथा कानूनों के अनुपालन में इसका

न्याय संहिता में भारत शब्द समागम और एकात्मकता का प्रतीक : प्रो. शाही

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- केविवि के मीडिया अध्ययन विभाग में व्याख्यान आयोजित   मोतिहारी । मीडिया अध्ययन विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता - 2023 के विविध आयाम विषयक संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया ।  कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव रहे । वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार झा ने की । मुख्य वक्ता के तौर पर स्कूल ऑफ लॉ, केआईआईटी विश्वविद्यालय भुवनेश्वर के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. सर्वेश कुमार शाही व विशिष्ट वक्ता स्कूल ऑफ स्कूल, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डॉ. केशरीनंदन शर्मा उपस्थित रहे ।  स्वागत उद्बोधन देते हुए मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के माध्यम से भारतीयों पर अंग्रेजी हुकूमत द्वारा थोपे गए कानूनों से स्वतंत्रता प्रदान करती है। आईपीसी को न्याय संहिता से स्थानांतरित कर न्याय व्यवस्था को नया आयाम देने का काम किया गया है । कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डॉ. केशरीनंदन शर्म