मीडिया ट्रायल और डिजिटल साक्ष्य का महत्व सबसे अधिक : प्रो. प्रशांत
भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 पर केविवि में संगोष्ठी आयोजित
मोतिहारी । मीडिया अध्ययन विभाग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 और मीडिया विषयक संगोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया ।
कार्यक्रम के संरक्षक विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव रहे । वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार झा ने की । मुख्य वक्ता के तौर पर इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, एसआरएम विश्वविद्यालय लखनऊ के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रशांत कुमार श्रीवास्तव व विशिष्ट वक्ता सहायक प्राध्यापक डॉ. महेन्द्र कुमार उपस्थित रहे ।
स्वागत उद्बोधन देते हुए मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. साकेत रमण ने मीडिया ट्रायल और डिजिटल साक्ष्य जैसे विषयों पर चर्चा की। साक्ष्य अधिनियम के माध्यम से मीडिया ट्रायल को नया आयाम मिला है।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता डॉ. महेंद्र कुमार ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताया । उन्होंने कहा कि मीडिया समाज में सकारात्मकता लाने का काम करती है तथा कानूनों के अनुपालन में इसका बड़ा योगदान है । मीडिया के माध्यम से ही समाज के समस्याओं को प्रकाश में लाया जा सकता है। लोकतंत्र के लिए मीडिया का स्वतंत्र और निष्पक्ष होना आवश्यक है । डॉ. कुमार ने कहा कि भारतीय साक्ष्य संहिता में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल साक्ष्यों के जुड़े को जगह दी गई है । मीडिया के बदलते आयाम के साथ बहुत सारे बदलाव आए हैं । नव माध्यमों में इस्तेमाल किए जाने वाली तकनीक से साक्ष्य प्राप्त कर स्पीडी ट्रायल में सहायता मिलेगी।
मुख्य वक्ता डॉ. प्रशांत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया ट्रायल और डिजिटल साक्ष्य का किसी भी मुकदमे में सबसे अधिक महत्व होता है। साक्ष्य के आधार पर ही सूचना का सत्यापन संभव है । उन्होंने कहा कि भारतीय भारतीय साक्ष्य अधिनियम में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल साक्ष्य की चर्चा की गई है । साथ ही उन्होंने साक्ष्य अधिनियम 1872 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बीच अंतर को स्पष्ट किया ।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा ने कहा कि पत्रकारों के पास भी कानून की व्यापक जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को मीडिया कानून और नीतियों को जानकारी होनी चाहिए । उन्होंने भारतीय साक्ष्य अधिनियम और डिजिटल फ्रॉड के संबंध में विद्यार्थियों को संबोधित किया ।
आयोजन समिति में डॉ. परमात्मा कुमार मिश्रा, डॉ. सुनील दीपक घोड़के एवं डॉ. उमा यादव शामिल रहे । संचालन प्राची श्रीवास्तव, अतिथि परिचय रविशंकर कुमार मिश्र व अंजली चौधरी जबकि धन्यवाद ज्ञापन आर्य ने दिया ।
कार्यक्रम में प्रतीक कुमार, आशीष कुमार, रुचि भारती, आकाश सिंह राठौर, लक्की कुमार, आर्यन सिंह, मुस्कान सिंह आदि ने अहम भूमिका निभाई ।
कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थी, शोधार्थी तथा शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक अधिकारी उपस्थित रहे ।
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