आज तक क्यों नहीं हुई मोबाइल चोरी होने पर FIR,

आपबीती घटना, सच्ची घटना बहुत कम ही मिलेंगे आपको
    
दिनांक 11 फरवरी 2021 की बात है। मैं मोतिहारी शहर के नजदीक चैलाहाँ बाजार में मछली एवं अन्य समाने खरीदने के लिए मोटरसाइकिल से उतरा। उसके बाद मछली देखने लगा। मछली खरीदने के बाद वहीं मछली बाजार में ही एक बड़ा सा किराना दुकान था। घर से माँ का फोन आया था। धनिया और अन्य चीजें खरीद लाने के लिए। जब मेरे पिताजी बोले अमृत मां से फोन कर पूछ लो और क्या चाहिए। तब मैंने कहा पिताजी मोबाइल दीजिएगा। जैसे ही उन्होंने जैकेट के पॉकेट में हाथ लगाया। तो मोबाइल गायब थी। मुझे शक हुआ कि मोबाइल पॉकेट से निकाल लिया गया। वहां उपस्थित लोगों से पूछा मालूम नहीं चला। एक वही परिचित सब्जी वाला से फोन लेकर पिताजी मेरे पास फोन किए। अमृत मोबाइल कोई चुरा लिया। वहां स्थित किराना दुकान में CCTV कैमरा लगा हुआ था। मैं उनसे बोला मेरा मोबाइल चोरी हो गया है। आपका CCTV कैमरा देखना है। तो उन्होंने कहा आप कल सुबह में आइयेगा। उस समय दुकान पर भीड़ नहीं रहती । आराम से दिखा देंगे। और मैं घर आ गया। घर आकर पिताजी बोले अमृत जब मैं मछली खरीद रहा था वहां एक व्यक्ति था, वहीं निकाला होगा मोबाइल। क्योंकि जब वह मछली ले रहा था। उसका मछली देखने का तरीका अजीब सा लगा। तो हमने कहा कि अच्छा कल सुबह CCTV कैमरा में मालूम चल जाएगा। सुबह हुआ फ्रेश होने के बाद दुकान पहुँचे। जब दुकानदार cctv वीडियो दिखाए। तब उसमें जिस पर शक था वहीं हुआ। देखा कि एक लड़का, एक महिला और इनके साथ एक और व्यक्ति था। तीनों मिलकर चुराए थे। पॉकेट से लड़का ही निकाला था। बाकी दोनों इसमें संलिप्त थे। देखने के बाद दुकानदार से बोले आप इसे डिलीट नहीं करियेगा। उन्होंने कहा सात दिन बाद डिलीट हो जाएगा। तो मैं कहा पेन ड्राइव लाएंगे आप उसी में दे दीजियेगा। कहकर इसके बाद हमलोग घर आ गए। 
   
इसी दिन मैं बंजरिया थाना में शिकायत दर्ज कर दी। और सभी घटना बता दी। उन्होंने कहा हम दिखवाते है। अगले दिन सुबह में फिर दुकानदार के पास जाकर मैं cctv वीडियो फुटेज अपने पास पेन ड्राइव में सुरक्षित कर लिया। और वहीं दुकान पर ही दोबारा वीडियो देखा कि तीनों चोर कहाँ जाते हैं। तब देखा कि एक लड़का दोबारा लौट कर नहीं आया। महिला वहीं रुकी रही । दूसरा व्यक्ति भी चला गया। तब देखा कि महिला वहीं साइड में बैठ गई। वहां एक व्यक्ति कुर्ता पायजामा और बंडी में पहुँचता है। और उस महिला से बात करता है। और कुछ ही देर में दूसरा चोर जा चुका था वह दोबारा लौटकर वहां आता है। फिर वहां खड़ा होकर लड़का चोर जिधर गया था उधर ही चला गया। अब हमनें उस बंडी वाले व्यक्ति को पहचान कराया तो दुकानदार पहचान लिया। और कहा यह मुखिया जी है। घर पूछ कर उनके  घर पर गया। अब हमें चोर के बारे में मालूम करना आसान हो गया। महिला के बारे में उन्होंने बता दिया। बाकी दो के बारे में नहीं बताया। और कहें महिला चोर नहीं है, बाजार में झाड़ू वैगरह का काम करती है।अच्छा पैसा कमाती हैं। 

इनसे बात करने के बाद मैं फिर बंजरिया थानाध्यक्ष साहब से मिले क्या हुआ सर कुछ मालूम चला। बोले नहीं। तब हमने जो-जो जानकारी जुटाई थी। वह सभी उनको बताया। तब उन्होंने कहा अच्छा मुखिया जी पहचान रहे हैं। उनका नंबर अपने किसी स्टाफ से मांगे।लेकिन हमने कहा मेरे पास है। और वह बात किये। अरे मुखिया जी वो कौन महिला है। तब दरोगा जी भी उसे पहचान लिए। और कहे न वह चोरी नहीं की होगी। फिर कहे अच्छा हम इसे देखवाते है। 

फिर दो-तीन दिन बाद थाना गया तो कहीं गश्ती पर गए थे। उनसे फोन से बात किया। पूछे सर कब तक आइयेगा। उन्होंने समय दिया। फिर मैं उस समय पर जाकर मिला। तब उन्होंने उस स्टाफ को महिला को बुलाकर लाने के लिए कहा। स्टाफ चला गया आया तो कहा आ रही है सर। लेकिन दो घंटे से अधिक समय हो गया तो हम कहे सर जा रहे हैं। थानाध्यक्ष बोले जाइये आप आ रहीं है तो हम पूछ रहे हैं। फिर क्या हुआ मालूम नहीं।

फिर हम दूसरे दिन हम बंजरिया थाना गया तो उन्होंने कहा अभी मोबाइल के बारे में नहीं मालूम चला है। दरोगा साहब बोले एक लिख कर दे दीजिए। हमने कहा सर दिए तो है। फिर से दे दीजिये। और किसी स्टाफ से बोले यह देख लीजिए।  तब वे बताए कि सनहा लिख दीजिये कि मोबाइल कहीं गिर गया है। हम कहे कि हम क्यों लिखें कि मोबाइल कहीं गिर गया है। हमें तो स्पष्ट दिख रहा है मोबाइल चोरी हो रही है। तब उनलोगों ने कहा कि तब सनहा नहीं होगा। वह FIR हो जाएगा। हमनें कहा कि तो FIR ही कर दीजिये। तो उनलोगों ने कहा कि आज तक मोबाइल आ भुलाने पर तो उनलोगों ने कहा कि आज तक मोबाइल भुलाने पर 
किसी ने नहीं कराई है FIR । यह देख रहे हैं फ़ाइल यह सभी सनहा का ही है। तो साफ कह दिया तो छोड़ दीजिए हमें नहीं करना है सनहा। और हमलोग वहां से चल दिये। जैसे ही सिंघिया गुमटी पहुँच रहे हैं।तो फोन की घंटी बजी। देखा तो दरोगा साहब का था। उनका कोई आदमी बोला आइये आपको दरोगा साहब बुला रहे है। फिर हम गए। तो उन्होंने FIR दर्ज कर ली। मैंने कहा सर इसका रिसिविंग तो उन्होंने कहा कि नकल निकालना होगा। हमनें कहा ठीक है सर। और घर चले आये। दो या तीन दिन बाद पिताजी के फोन पर थाना से फोन आया। उस समय पिताजी मोतिहारी नहीं थे। थाना वाले कहे अच्छा जब आइये तो भेंट कीजिये। केस का जांच करना है। जब पिताजी घर आए तो थाना में गया तो उन्होंने कहा आइये बैठिये। जब हम सब बैठ गए। उन्होंने एक सदा कागज निकाला। फिर उन्होंने हमसे सवाल करने लगे।कहाँ से चोरी हुआ है। जिस समय चोरी हुआ उसके उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में क्या है, और सारी सवाले। ये सब थाना में बैठकर ही हो रहा था। फिर उन्होंने कहा कि कोई चार गवाह का नाम दीजिये कि चोरी होते देखा हो। फिर क्या था, हमनें भी कह दिया सर यदि चोरी होते देखा जाता तो मोबाइल चोर को नहीं पकड़ लेते। मेरे पास एक प्रमाण है, CCTV कैमरे का वीडियो। उन्होंने कहा कि इससे नहीं होगा।आपको चार व्यक्ति का नाम देना ही होगा। और कहने लगे आपके पास गवाह नहीं है तो FIR क्यों किये। और दरोगा साहब से वह जो पुलिस था कहा कि सर इनके पास तो गवाह ही नहीं है। मैंने भी कहा कि सर गवाह के रुप में सिर्फ मेरे पास वीडियो फुटेज है। उनलोगों ने कह दिया इससे नहीं होगा। और शायद उन्होंने मेरे FIR केस को वहीं  पर  खत्म भी कर दिए ।
 आप सब इस पर अपना विचार अवश्य दें,अब क्या करना चाहिये। इस घटना को बताने का मकसद घटना से रू-ब-रू करना है। और शायद मजे का भी है।

Comments

  1. बहुत ही अच्छा लिखें है, पुलिस वालों ने अच्छा नहीं किया

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