पं.राजकुमार शुक्ल अध्ययन व अनुसंधान केंद्र का शिक्षक दिवस पर विशेष आयोजन

आचार्य वही, जिनका आचरण अनुकरणीय हो – प्रो. भगत
केंद्रीय विवि के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा.बिमलेश को मिला पहला आचार्य चाणक्य सम्मान 
बीपीएससी के सदस्य प्रो.अरुण भगत और मेरठ विवि के पत्रकारिता विभाग निदेशक ने दी शुभकामनाएं 

मोतिहारी। पंडित राजकुमार शुक्ल अध्ययन एवं अनुसंधान केंद्र मोतिहारी की ओर से शिक्षक दिवस पर ‘भारतीय आचार्य परंपरा एवं शिक्षक धर्म पर व्याख्यान सह आचार्य चाणक्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य प्रो.अरुण कुमार भगत ने की | कार्यक्रम में महात्मा गांधी केंद्रीय विवि के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा.बिमलेश कुमार सिंह को आचार्य चाणक्य सम्मान से सम्मानित करने के साथ आगामी दिनों में बिहार मूल के निवासियों के लिए तीन और राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा के साथ चंपारण के महान व्यक्तित्व पं.राजकुमार शुक्ल पर शोध और विशेष अध्ययन के लिए दर्जन भर विद्यार्थियों के लिए फेलोशिप की योजना की भी जानकारी दी गई। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार इस आयोजन के मुख्य अतिथि रहे।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में बीपीएससी के सदस्य, प्रो. भगत ने कहा कि आचार्य वह है जिसका आचरण अनुकरणीय हो, जो समाज को मार्गदर्शित करे, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए और जीवन संग्राम में उतरने की पूरी तैयारी करा सके। प्रो. भगत ने भारतीय परंपरा में मातृ देवो भव, पितृ देवो भव व आचार्य देवो भव के महत्व को बताते हुए कहा कि आचार्य परमार्थ और व्यवहार का दर्शन कराता है आचार्य। आचार्य चाणक्य की चर्चा करते हुए प्रो.भगत ने कहा कि शिक्षक साधारण नही होता, प्रलय और निर्माण दोनो उसकी गोद मे खेलते है। शिक्षक धर्म की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा वही है जो हमें विभिन्न बंधनों से मुक्त करे और शिक्षक वही है जो जीवन संग्राम में हमें जूझने लायक बना रहे। उन्होंने विभिन्न कोटि के शिक्षकों की चर्चा भी विस्तार से की। अरूण भगत ने शिक्षक की तुलना माली से की तथा शिक्षा को सभ्य व सुसंस्कृत बनाने का जरिया बताया।
बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ के पत्रकारिता विभाग के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने भारत की गुरु व आचार्य परंपरा को श्रेष्ठ बताते हुए त्रेता, द्वापर और कलियुग की प्रमुख गुरुपरंपराओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन ने सुनियोजित रूप से भारतीय शिक्षा परंपरा को दूषित करने का प्रयास किया | उन्होंने वर्तमान मे यूपी सरकार द्वारा 75 शिक्षको को सम्मानित करने के फैसले की भी सराहना की। 
आचार्य चाणक्य सम्मान से विभूषित अतिथि डॉ. बिमलेश कुमार ने सम्मान के लिए राजकुमार शुक्ल अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र के प्रति धन्यवाद देते हुए कहा कि देश का निर्माण धन से नही बल्कि व्यक्ति और उसके चरित्र से होता है। उन्होंने चंपारण और मोतिहारी की सराहना करते हुए कहा कि मोतिहारी किसी को खाली नहीं भेजता यह वही जगह है जिसने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा बनाया।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. साकेत रमण ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि मीडिया एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े ऐसे ख्याति नाम हस्ताक्षरों को सुनना सौभाग्य की बात है|केन्द्र के राष्ट्रीय संयोजक नवीन तिवारी ने कहा कि पंडित शुक्ल के नाम पर केंद्र बनना ही स्वयं में बहुत बड़ी बात है। उद्बोधन के पश्चात राष्ट्रीय संयोजक ने डॉ. बिमलेश कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर आचार्य चाणक्य सम्मान 2020-21 से सम्मानित किया| उन्होंने केंद्र की आगामी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में बिहार से जुड़े राष्ट्रीय व्यक्तित्वों के सम्मान में तीन और पुरस्कार तथा कई फेलोशिप शुरू किए जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन आस्था रानी व रौशनी कुमारी ने किया। अतिथि परिचय आयोजन सचिव आशीष कुमार ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव शशि रंजन मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का प्रसारण 'आपका हरकारा' के आधिकारिक पेज के माध्यम से शाम 7 बजे से हुआ | कार्यक्रम के मीडिया पार्टनर्स 'द झारखंड मेल' एवं 'एकतंत्र' रहे |

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