मगांकेविवि में 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर "एक भारत श्रेठ भारत" द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
मोतिहारी | मगांकेविवि में 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के उपलक्ष्य में ''एक भारत श्रेष्ठ भारत" प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० संजीव कुमार शर्मा, प्रति कुलपति प्रो० जी. गोपाल रेड्डी , मुख्य वक्ता प्रो० रजनीश कुमार शुक्ल , कुलपति, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्विद्यालय, वर्धा, मुख्य अतिथि प्रो० राजनारायण शुक्ल , अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान, लखनऊ एवं विशिष्ट अतिथि प्रो० हिमांशु चतुर्वेदी , पूर्व-अध्यक्ष, इतिहास विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने दीप प्रज्वलित कर किया।
स्वागत उद्बोधन 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के संयोजक प्रो० रफीक उल इस्लाम ने किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० संजीव कुमार शर्मा ने भारत के भौगोलिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की महत्ता को बताया। उन्होंने श्री राम के 353 स्थानों पर किये गए पथ यात्रा का जिक्र करते हुए भारत की अखंडता के बारें में बताया।। विश्वविद्यालय में अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने 18 अन्य राज्यों के शिक्षकों का उदाहरण देते हुए भारत की अनेकता में एकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो० रजनीश कुमार शुक्ल ने "एक भारत श्रेष्ठ भारत" का उल्लेख करते हुए यह समझाने का प्रयास किया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत केंद्रित विषय कोई भाषण का नहीं बल्कि ये जीने का विषय है। "श्रेठ भारत " भारत की बहुलता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत यूनियन ऑफ स्टेट्स है ना कि फेडरेल ऑफ स्टेट्स।
विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो० रेड्डी ने भारत के एकीकरण में सरदार बल्लव भाई पटेल के किये गए उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने हैदराबाद की अटल गाथा को याद किया। विशिष्ट अतिथि प्रो० हिमांशु चतुर्वेदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के सपने को पूरा करने की राह पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रो० राजनारायण शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम के महत्व एवं स्वतंत्रता में दिए बलिदान को याद किया। उन्होंने भाषा की ताकत को समझाते हुए, विविधता में एकता की बात कही।
कार्यक्रम का संचालन एक भारत श्रेष्ठ भारत प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ. विश्वेश वाग्मी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. उमेश पात्रा ने किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में एक भारत श्रेष्ठ भारत के नोडल अधिकारी प्रो. रफीक उल इस्लाम, सदस्या डॉ. प्रीति बाजपेयी, डॉ. स्वेता सिंह, सदस्य डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. भवनाथ पाण्डेय एवं डॉ. रश्मि श्रीवास्तवा द्वारा अतिथियों को बुके, अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में ओएसडी एडमिन प्रो. राजीव कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो. आनंद प्रकाश, प्रो. प्रणवीर सिंह, प्रो. पवनेश कुमार, प्रो. शहाना मजूमदार, प्रो. प्रसून दत्त सिंह, प्रो. संतोष त्रिपाठी, प्रो. ब्रजेश पाण्डेय, डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र एवं पीआरओ शेफालिका मिश्र, सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण, विद्यार्थीगण एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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