गंगा के मैदान में बढ़ रहा कैंसर को लेकर जागरूकता जरूरी-प्रो.ध्रुव कुमार

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी द्वारा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य वक्ता कैंसर अध्ययन के विशेषज्ञ और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में प्रोफेसर ध्रुव कुमार ने गर्दन के कैंसर में मेटाबोलिक परिवर्तन: कैंसर चिकित्सा के लिए एक संभावित लक्ष्य के सारे पहलुओं पर प्रकाश डाला।
  प्रोफेसर ध्रुव ने गंगा के मैदान पर जोर देते हुए देश में कैंसर की विविधता और विस्तार के बारे में बताया। उन्होंने कैंसर में शामिल तंत्र और कैंसर के विकास और प्रगति में शर्करा और वैकल्पिक चयापचयी मार्गों की भूमिका के बारे मे बताया और  उपापचयी पूरकता के लिए परस्पर क्रिया करने वाली कोशिकाओं के प्रकारों पर भी चर्चा की जो कोशिका के ऊर्जा पथों के स्मार्ट स्थानांतरण की ओर ले जाती हैं। 

 कार्यक्रम कि अध्यक्षता कर रहे  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद प्रकाश ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय में शोध को प्रोत्साहन देने और इसे बेहतर बनाने की बात दोहराई। उन्होंने स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों के समानांतर स्थानीय और वैश्विक खतरों से निपटने के लिए अनुसंधान के अभिनव और एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर दिया। व्याख्यान को चर्चा सत्र के साथ समान रूप से आगे बढ़ाया गया जहां संकाय और छात्रों ने कैंसर के विकास और संभावित इलाज से संबंधित कई मुद्दों को उठाया। 
 कार्यक्रम का संचालन जैव प्रौद्योगिकी में सहायक प्रोफेसर डॉ स्वाति मनोहर ने किया और जैव प्रौद्योगिकी में सहायक प्रोफेसर डॉ शशिकांत राय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। व्याख्यान के बाद प्रो. ध्रुव कुमार ने स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की नव विकसित प्रयोगशालाओं का दौरा किया। सत्र के बाद संकाय सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए प्रोफेसर बृजेश पाण्डेय, प्रोफेसर अर्तत्रण पाल और डॉ. सतरुद्र प्रकाश सिंह ने दो संस्थानों के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान संभावनाओं पर एक उपयोगी चर्चा की। इस अवसर पर डीन स्कूल ऑफ लाइफ साइंस प्रो अर्तत्रणा पाल, चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर प्रणवीर सिंह, वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो शाहाना मजूमदार और अन्य फैकल्टी सदस्य और स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के छात्र मौजूद थे।

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