केविवि के षष्ठ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में भव्य समारोह का आयोजन
केविवि के स्थापना दिवस समारोह पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन वृहस्पति सभागार, बुद्ध परिसर में किया गया। अध्यक्षता महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद प्रकाश ने की।
मुख्य अतिथि प्रो.वैद्यनाथ लाभ, कुलपति, नव नालन्दा महाविहार, नालन्दा , विशिष्ट अतिथि प्रो.विजय कुमार कर्ण , अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, नव नालन्दा महाविहार,नालन्दा एवं दूसरे विशिष्ट अतिथि श्री शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी सह-समाहर्ता ,पूर्वी चम्पारण थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।
बतौर मुख्य अतिथि प्रो.वैद्यनाथ लाभ, कुलपति, नव नालन्दा महाविहार, नालन्दा ने कहा कि शिक्षा का सही अर्थ चरित्रवान एवं ज्ञानवान होना है। उन्होंने कहा कि गाँधी भी यही चाहते थे कि ऐसी शिक्षा हो जो मानवीय सद्गुणों से युक्त हो। उन्होंने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि आने वाले विद्यार्थियों के लिए यह प्रेरणास्रोत का काम करेगा।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. आनंद प्रकाश ने विवि की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और जो भी कमियां रह गई है उसे समाप्त करने का संकल्प लिया जिससे विश्वविद्यालय आकाश की ऊंचाइयों को छुए और पूरी दुनिया में अपना परचम लहराए।
विशिष्ट अतिथि श्री शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी, पूर्वी चम्पारण ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि 5 महिने के अदंर केविवि को मिलने वाली निर्धारित 300 एकड़ ज़मीन ज़िला प्रशासन के द्वारा उपलब्ध करा दी जाएगी। इस दिशा में कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
मंच पर विशिष्ट अतिथि प्रो.विजय कुमार कर्ण अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, नव नालन्दा महाविहार,नालन्दा ने अपने वक्तव्य में कार्यक्रम को संम्बोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भारत कि गौरवशाली परम्परागत मूल्य एवं शिक्षा दर्शन को दर्शाता है।
कार्यक्रम के शुभारंभ में गोपाल कृष्ण मिश्र, शोधार्थी, संस्कृत विभाग ने मंगलाचरण प्रस्तुत किए। अतिथियों का सम्मान पुष्प गुच्छ , अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्हसे कुलपति महोदय के द्वारा किया गया। कुलपति महोदय को छात्र कल्याण अधिष्ठाता के द्वारा सम्मानित किया गया।
स्वागत भाषण प्रो. आशीष श्रीवास्तव, अधिष्ठिता,शिक्षा संकाय एवं निदेशक, बुद्ध परिसर ने दी। उन्होंने अपने भाषण में चम्परण की मिट्टी के महत्व और लोकप्रियता से रुबरु करवाया। उन्होंने कहा कि "चम्पारण की इस भूमि का भारत को स्वतंत्रता दिलाने में और गांधी को महात्मा बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने प्रशासन से यह भी मांग की ऐसी व्यवस्था हो जिससे हम अगली स्थापना दिवस विवि के अपने परिसर में मना सकें।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में रश्मि पाण्डेय छात्रा, मीडिया अध्ययन विभाग ने गणेश वन्दना प्रस्तुत की। एम.ए. के छात्र ऋत्विज भारद्वाज ने दादरा: रंगी सारी गुलाबी चुनरिया गाकर सबका मन मोह लिया। वाणिज्य विभाग के विद्यार्थी अनुभा, आदित्य, अंकित, निकेत, अभिषेक और शिवांगी ने 'लाइफ एट कैंपस' शानदार प्रस्तुति दी। संजना, सूरज और प्रिंस माधव (अंग्रेज़ी विभाग) ने द्रौपदी नाटक और विनय कुमार शर्मा (समाज कार्य विभाग) ने निर्गुण गीत:करी हम कौन बहाना..की प्रस्तुति दी। प्रियम एवं पलक ने युगल गीत :अच्छा मान जाओ व और ऋत्विज भारद्वाज ने लोकगीत :सैंया मिले लरीकइया मैं क्या करूँ जैसे गीत गाकर मन मोह लिया। शिवांगी, अभिषेक, अनुभव, आदित्य, अंकित और निकेत (वाणिज्य विभाग) ने शक्ति नाटक की बेहतरीन प्रस्तुति दी। ऋत्विज,संजना एवं सिमरन ने मधुर छठ गीत गया। अंग्रेजी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. उमेश पात्रा के निर्देशन में अंग्रेज़ी नाटक 'हरिश्चंद्र द टुथफुल किंग' की शानदार प्रस्तुति हुई।
गांधी जयंती और स्थापना दिवस समारोह पर विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता के विजेयताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि,विशिष्ट अतिथि एवं विवि के कुलपति महोदय के द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रतिभागियों को उनके कला प्रदर्शन के लिए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण जिन्होंने निर्णायक की भूमिका निभाई थी उन्हें स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन गांधी भवन परिसर के निदेशक प्रो. प्रसून दत्त सिंह अधिष्ठता, मानविकी एवं भाषा संकाय ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन आयोजन समिति के डाॅ बिमलेश कुमार सिंह एवं सदस्य सचिव डाॅ. परमात्मा कुमार मिश्र ने किया।
कार्यक्रम में डीडीयू परिसर के निदेशक प्रो. पवनेश कुमार, प्रो. प्रणवीर सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो. आंत्रण त्राण पाल, प्रो. रंजीत चौधरी, गांधी भवन परिसर के निदेशक प्रो. प्रसून दत्त सिंह, प्रो. बृजेश पाण्डेय, ओएसडी डॉ. सचिदानंद सिंह और आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. बिमलेश कुमार सिंह, डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, डॉ. श्याम कुमार झा, डॉ. सपना सुगंधा, डॉ. स्वेता, डॉ. उमेश पात्रा, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. रश्मि श्रीवास्तव और सदस्य सचिव डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र , डॉ. मधु पटेल, डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. विश्वेश वाग्मी, डॉ. ओमकार , डॉ. बबलू पाल, डॉ. विश्वजीत वर्मन की समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, विद्यार्थी एवं कर्मचारीगण सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे। समारोह का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
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