हमें मिलकर वर्ष 2047 तक भारतवर्ष को पुनः "जगतगुरु" बनाना होगा : प्रो. संजय श्रीवास्तव
मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत "अमृतकाल के पञ्च प्रण" विषयक कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह जी ने सभी को संबोधित किया। सांसद श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारतवर्ष अपनी ज्ञान, मेधा एवं सहिष्णुता के लिए विश्व पटल पर अग्रणी देश है। ज्ञान से अनुप्राणित भारतभूमि अपनी विश्व-दृष्टि के लिए जानी जाती है। भारत के शिक्षण संस्थानों ने इस दिशा में महती भूमिका का निर्वहन किया। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार भारतवर्ष का उदीयमान विश्वविद्यालय है। अल्प समय में ही इस विश्वविद्यालय ने विविध क्षेत्रों में अपनी पहचान बना ली है। इस शंखनाद के लिए मैं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय श्रीवास्तव, सभी प्रशासनिक अधिकारियों, सम्मानित शिक्षकों, सहयोगियों एवं विद्यार्थी,शोधार्थी मित्रों को हार्दिक बधाई प्रेषित करता हूं। मैं आशा करता हूं कि भारतवर्ष को समृद्ध, समुन्नत राष्ट्र बनाने में आप सभी अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। "अमृतकाल के पञ्च प्रण" की शपथ के दौरान मंत्री ने कहा कि हमें अपनी स्वाभाविक नैतिकता की रक्षा करनी होगी। अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना पड़ेगा।
अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हमें मिलकर वर्ष 2047 तक भारतवर्ष को पुनः "जगतगुरु" बनाना होगा। विकसित भारत की संकल्पना केवल आर्थिक समृद्धि ही नहीं, बल्कि सर्वांगीण उन्नति और विकास से है। भारत पुन: सोने की चिड़िया ही नहीं बल्कि जगतगुरु बनेगा और विश्व का मार्गदर्शन करेगा। इस संकल्पना के साथ कार्य कर रहा है और हम अपनी इस संकल्पना को साकार करेंगे।
कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं मानविकी एवं भाषा संकाय के अधिष्ठाता प्रो. प्रसून दत्त सिंह ने युवाओं का आह्वाहन किया। प्रो. सिंह ने कहा कि "अमृतकाल के पञ्च प्रण" का संबंध भारत के गौरव, आत्मबोध एवं अक्षुण्ण ज्ञान परंपरा से है। गौरवशाली परंपरा के संरक्षण का दायित्व हम सभी का है।
धन्यवाद ज्ञापन आयोजन समिति के सदस्य और हिंदी विभाग सहायक आचार्य डॉ. श्याम नंदन ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.बिमलेश कुमार ने किया। इस अवसर पर सभी प्रशासनिक अधिकारी तथा प्रो. पवनेश सिंह, प्रो. प्रणवीर सिंह, प्रो. आर्तत्राण पाल, प्रो. आनन्द प्रकाश, प्रो. अजय गुप्ता, प्रो. देवदत्त, डाॅ गोविंद प्रसाद, डाॅ. दुर्गेशवर, डाॅ. बुद्धि प्रकाश जैन, डाॅ युगल किशोर दाधीच, डाॅ. मधु पटेल, डाॅ. अभिजीत, डाॅ. साकेत रमण, डाॅ. मनीषा रानी, डाॅ. अम्बिकेश, डाॅ. ओम प्रकाश, डाॅ. शिवेंद्र सिंह आदि शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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