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Showing posts from March, 2021

आज तक क्यों नहीं हुई मोबाइल चोरी होने पर FIR,

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आपबीती घटना, सच्ची घटना बहुत कम ही मिलेंगे आपको      दिनांक 11 फरवरी 2021 की बात है। मैं मोतिहारी शहर के नजदीक चैलाहाँ बाजार में मछली एवं अन्य समाने खरीदने के लिए मोटरसाइकिल से उतरा। उसके बाद मछली देखने लगा। मछली खरीदने के बाद वहीं मछली बाजार में ही एक बड़ा सा किराना दुकान था। घर से माँ का फोन आया था। धनिया और अन्य चीजें खरीद लाने के लिए। जब मेरे पिताजी बोले अमृत मां से फोन कर पूछ लो और क्या चाहिए। तब मैंने कहा पिताजी मोबाइल दीजिएगा। जैसे ही उन्होंने जैकेट के पॉकेट में हाथ लगाया। तो मोबाइल गायब थी। मुझे शक हुआ कि मोबाइल पॉकेट से निकाल लिया गया। वहां उपस्थित लोगों से पूछा मालूम नहीं चला। एक वही परिचित सब्जी वाला से फोन लेकर पिताजी मेरे पास फोन किए। अमृत मोबाइल कोई चुरा लिया। वहां स्थित किराना दुकान में CCTV कैमरा लगा हुआ था। मैं उनसे बोला मेरा मोबाइल चोरी हो गया है। आपका CCTV कैमरा देखना है। तो उन्होंने कहा आप कल सुबह में आइयेगा। उस समय दुकान पर भीड़ नहीं रहती । आराम से दिखा देंगे। और मैं घर आ गया। घर आकर पिताजी बोले अमृत जब मैं मछली खरीद रहा था वहां एक व्यक्ति था, वहीं निकाल

भारत ने कश्मीर पर पाकिस्तान से सौदेबाजी में कहाँ की चूक

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वर्ष 1965 में गुजरात के कच्छ के रन को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। तब वर्ष 1966 में सोवियत प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अय्यूब खां को ताशकंद में वार्ता के लिए आमंत्रित किए। इसी वार्ता को ताशकंद समझौता कहा जाता है। वर्ष 1971 में इस समझौते को पाकिस्तान दरकिनार कर दिया।  इस समय पूर्वी पाकिस्तान में शेख मुजीबुर्रहमान के नेतृत्व में बांग्ला स्वायत्तता का आंदोलन चल रहा था।तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति और सेना प्रमुख याह्म खान ने बंगालियों पर अत्याचार करने प्रारम्भ कर दिए। बंगाली घर-बार छोड़ भारतीय सीमा में प्रवेश करने लगे। शरणार्थियों  की संख्या भारत में एक करोड़ तक पहुँच गई। इसी बीच पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत के हवाई अड्डों पर भीषण बमबारी की। भारत को विवश होकर युद्ध आरम्भ करना पड़ा और अंततः बांग्लादेश स्वंत्रत हो गया तथा पाकिस्तानी सेना ने भारत के समक्ष आत्म समपर्ण कर दिया। भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली और भुट्टो के बीच 3 जुलाई, 1972 को शिमला में समझौता हुआ। इस

सार्थक एडुविजन में सबसे अव्वल रहा महात्मा गांधी केन्द्रीय विवि

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भोपाल/ मोतिहारी। नीति आयोग, भारतीय शिक्षण मंडल, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, यूजीसी व देश के अग्रणी शिक्षा नियामक संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में सार्थक एडुविजन का आयोजन 15 से 17 मार्च तक भोपाल में किया जा रहा है। सार्थक एडुविजन में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्टॉल का उद्घाटन आज माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा व डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने संयुक्त रूप से किया।  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि सार्थक एजुविज़न समारोह भारत में शैक्षणिक संवाद और सहयोग को एक नवीन आयाम प्रदान करेगा। नई शिक्षा नीति 2019 के विविध आयामों पर इस तीन दिवसीय शैक्षणिक महाकुंभ में व्यापक स्तर पर चर्चा की जानी है। प्रो. शर्मा ने कहा कि भारत में संवाद एवं विमर्श की बहुत ही सुदृढ़ परम्परा रही है। भारतीय ज्ञान परम्परा विमर्श केंद्रित रही है ऐसे में 21 वीं सदी के भारत के शिक्षा नीति की दिशा तय करने में अपने नाम के अनुरूप यह वैचारिक महाकुंभ शत प्रतिशत सार्थक होगा। मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय

दिखानी होगी बिहार की ताकत

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महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविधलाय,बिहार में आजादी का अमृत महोत्सव का आयोजन-प्रो. संजीव कुमार शर्मा एवं अन्य अतिथि MGCUB के परिसर में शोधार्थी एवं विद्यार्थी बोले बिहार को बदल कर ही रहेंगे आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 'आजादी का अमृत महोत्सव' माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मार्च से शुरु किया। इस महोत्सव को लगभग पूरा केन्द्रीय विश्वविद्यालय मनाया गया। इस दिन से महोत्सव को 75 सप्ताह मनाया जाएगा। यह महोत्सव के जरिए हम अपने अतीत और वर्त्तमान को याद करेंगे। सहीवक्त आ गया है जब हमें सारे देश को दिखाना है कि हमारा बिहार क्या है। इसके लिए जरूरत है लोगों को अपनी सोच बदलने की। सबसे पहले लोगों को पूरी तरह शिक्षित करने की जरूरत है। साथ ही साथ रोजगार के साधन उपलब्ध कराने होंगे। समाज को घूसखोरी से मुक्त करने का संकल्प लेना होगा। आज ही हमें 'आजादी के अमृत महोत्सव' के उपलक्ष्य में यह शपथ लेनी होगी हम बिहार को बदलकर ही दम लेंगे।

खेती से विकास की राह

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बिहार के विकास का सवाल आजादी के 74 सालों बाद भी कायम है। चुनाव के बाद जब सरकारें बनती हैं, तो आमजन के भीतर उम्मीद की किरण पैदा होती है।लेकिन पांच साल बीतते-बितते वह उम्मीद निराश में बदल जाती है।लोग कहने लगते हैं, 'सब एक तरह के हैं।' आम लोग तुलना करने लगते हैं कि आमुक-आमुक उम्मीदवार में ज्यादा ईमानदार कौन है?  यह भी अजीब लगता है, जब आज विकास के मॉडल को लेकर बात होती है। पूछा जाता है कि किस मॉडल से बिहार का विकास होगा? यह सवाल उसमें अंतर्निहित जवाब का संकेत भी कम देता है। इसका मतलब यह हुआ कि अब तक हम जिस विकास मॉडल पर चले, वह कारगर नहीं हुआ। वस्तुतः इसके लिए राज्य का सामाजिक परिवेश, सरकार की नीतियां और भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था जिम्मेदार रही है। तुर्रा यह है कि सरकारें सत्ता में आती रहीं और विकास के दावें करती रहीं। आखिर विकास हुआ, तो राज्य की सिंचाई परियोजनाओं की दशा ऐसी क्यों है? स्वास्थ्य शिक्षा, कानून व्यवस्था, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर हम पिछड़े क्यों है? यह विचार करने लायक पहलू है कि केंद्र अथवा राज्य की विकास योजनाओं का लाभ लोगों तक उस रुप में नहीं पहुँच

मीडिया अध्ययन विभाग में नवांगतुकों के लिए फ्रेशर पार्टी का आयोजन

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बीएजेएमसी, एमजेएमसी एवं एमफिल व पीएचडी नवांगतुक विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों का सीनियर्स द्वारा शानदार स्वागत मिस्टर फ्रेशर कल्याण स्वरूप एवं आर्यन और मिस फ्रेशर रश्मि पाण्डेय को चुना गया   मोतिहारी । महात्मा गांधी केन्द्रीय विद्यालय बिहार के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा शनिवार को नए सत्र में दाखिला ले चुके शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए फ्रेशर पार्टी का आयोजन किया गया। नए सत्र के बीजेएमसी, एमजेएमसी,एमफिल एवं पीएचडी को पुराने सत्र के एमजेएमसी एवं पीएचडी के द्वारा फ्रेशर पार्टी दी गई। सीनियर्स द्वारा सभी नए आगुंतकों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों एवं शिक्षकगण के दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके उपरांत अतिथियों एवं सभी आगुंतकों का स्वागत गीत एवं नृत्य से किया गया। विद्यार्थियों द्वारा शानदार नृत्य,संगीत,गजल एवं कविताएं प्रस्तुत की गई। सभी विद्यार्थियों ने भारतीय एवं पश्चिमी नृत्यों की शानदार शानदार प्रस्तुति दी और रैंप पर कैट वॉक कर फैशन का जलवा बिखेरा। बीजेएमसी से मिस्टर फ्रेशर आर्यन और मिस फ्रेशर रश्मि प

एमजीसीयूबी और आईआईएमसी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर

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मोतिहारी ।मीडिया अध्ययन विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार एवं भारतीय जनसंचार संस्था (आईआईएमसी) नई दिल्ली के मध्य  परस्पर सहयोग हेतु 'मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग' पर कुलपति, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा एवं आईआईएमसी के महानिदेशक, प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने हस्ताक्षर किए। दोनों संस्थानों के बीच नई दिल्ली स्थिति आईआईएमसी में हुए समझौते के तहत दोनों संस्थानों के मध्य स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, फैकेल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम, स्कॉलर एक्सचेंज प्रोग्राम, स्पॉन्सर्ड पी-एच.डी., कलेबोरटिव प्रोजेक्ट समेत अन्य कई बिंदुओं पर परस्पर सहयोग किया जाएगा । दोनों संस्थानों की लाइब्रेरी एवं अन्य संसाधनों का विद्यार्थी एवं शोधार्थी लाभ उठा सकेंगे। साथ ही दोनों संस्थान शैक्षणिक उन्नयन एवं समाज उपयोगी शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए भी साथ मिलकर काम करेंगे। इस समझौते के तहत दोनों संस्थान परस्पर मिलकर मीडिया फेस्ट एवं अन्य आयोजन के साथ-साथ विविध एक्सटेंशन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी कर सकेंगे। देश में शोध की प्रवृत्ति एवं शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्था