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Showing posts from August, 2023

अमेरिकी दार्शनिक नेल नोडिंग के प्रथम पुण्यतिथि पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित

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मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग, शिक्षा संकाय के तत्वाधान में अमेरिकी दार्शनिक नेल नोडिंग के प्रथम पुण्यतिथि पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया। जिसका विषय ‘नेल नोडिंग केयर इथिक्स एंड कांफ्युसीनिज्म रेन इथिक्स’ था। कार्यक्रम की अध्यक्षता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर संजय श्रीवास्तव एवं मुख्य वक्ता डा. टेरसा ची व्वा शी प्रोविडेंस विश्वविद्यालय ताइवान से थी। शुभारंभ सुप्रभा डे द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ मुकेश कुमार ने की।  अध्यक्षीय उद्बोघन में कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में केयर एजुकेशन की विचारधारा पहले से विद्यमान है। वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रारंभिक शिक्षा में ‘बाल वाटिका’ की संकल्पना जहां एक शिक्षक विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित करके भावात्मक, ज्ञानात्मक और शारीरिक क्षमता का विकास करेगा।   विषय प्रवर्तन संकायाध्यक्ष प्रो. आशीष श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि विषय वस्तु की

डॉ. श्याम नंदन ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रस्तुत किया शोध पत्र

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मुस्लिम संत दरिया साहब के साहित्य में सनातन की चेतना विषय पर पढ़ा शोध पत्र मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डाॅ. श्याम नन्दन ने भारत विद्या अध्ययन संस्थान, नई दिल्ली द्वारा 'भारतीय मुसलमान भक्त कवियों का रचनात्मक प्रदेय' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में *मुस्लिम संत दरिया साहब के साहित्य में सनातन की चेतना* विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत किया। अपने शोध-पत्र में डाॅ. श्याम नन्दन ने बताया है कि भारत की आध्यात्मिक परंपरा की एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि बहुत सी बाह्य विचारधाराएँ समय के साथ इसमें समाहित होती गयीं लेकिन सनातन हिन्दू धर्म पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा। बल्कि इससे सनातन धर्म का वैशिष्ट्य और निखर कर सामने आया | इस्लाम के नाम पर कट्टर मजहबी सोच रखने वाले शासकों के संरक्षण में हिंदुओं के मतांतरण के अभियान भी चले लेकिन उसी दौर में बहुत से ऐसे मुस्लिम संत और भक्त हुए, जिन्होंने सनातन की चेतना से अनुप्राणित होकर भारतीय अध्यात्म की परंपरा को अंगीकार किया और उसी में रम गए। मध्य काल से लेकर आज तक अनवरत चलती

हमें मिलकर वर्ष 2047 तक भारतवर्ष को पुनः "जगतगुरु" बनाना होगा : प्रो. संजय श्रीवास्तव

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मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत "अमृतकाल के पञ्च प्रण" विषयक कार्यक्रम का आयोजन गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय श्रीवास्तव ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह जी ने सभी को संबोधित किया। सांसद श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि भारतवर्ष अपनी ज्ञान, मेधा एवं सहिष्णुता के लिए विश्व पटल पर अग्रणी देश है। ज्ञान से अनुप्राणित भारतभूमि अपनी विश्व-दृष्टि के लिए जानी जाती है। भारत के शिक्षण संस्थानों ने इस दिशा में महती भूमिका  का निर्वहन किया। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार भारतवर्ष का उदीयमान विश्वविद्यालय है। अल्प समय में ही इस विश्वविद्यालय ने विविध क्षेत्रों में अपनी पहचान बना ली है। इस शंखनाद के लिए मैं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय श्रीवास्तव, सभी प्रशासनिक अधिकारियों, सम्मानित शिक्षकों, सहयोगियों एवं विद्यार्थी,शोधार्थी मित्रों को हार्दिक बधाई प्रेषित

शोध प्रविधि पाठ्यक्रम में फील्ड सर्वे का प्रायोगिक ज्ञान दिया गया

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मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से आयोजित दस दिवसीय शोध प्रविधि पाठ्यक्रम के नौवे दिन प्रतिभागियों को शैक्षणिक परिभ्रमण कराया गया। ध्वजारोहण के पश्चात सभी प्रतिभागियों को फील्ड सर्वे का प्रायोगिक ज्ञान देने के लिए बिहार के वैशाली जिले ले जाया गया।  महत्वपूर्ण पौराणिक बौद्ध एवं जैन तीर्थ स्थलों के परिभ्रमण के पश्चात प्रतिभागियों को फील्ड सर्वे के लिए कहा गया।  सभी प्रतिभागियों को छह समूहों में बांटा गया जिसमें स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद, कॉटिल्या, अहिल्याबाई होलकर, मैत्रेय एवं गार्गी समूह में प्रतिभागियों ने फील्ड सर्वे के माध्यम से तथ्य संकलन किया। विनय, सविता, समीर, राहुल, विनीत एवं नितेश क्रमशः इन समूहों के अग्रेता रहे। सभी समूहों के प्रतिभागियों ने स्वनिर्मित प्रश्नावलियों के माध्यम से पच्चास उत्तरदाताओं के विचारों को अनुसूचित किया।  मध्याह्न में संकलित तथ्यों के आधार पर विचार विमर्श सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के सामाजि

बृहद प्रतिचयन बहुआयामी विश्लेषण को संभव बनाता: प्रो संजय कुमार

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मोतिहारी। राजनीति विज्ञान विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से दस दिवसीय शोध प्रविधि पाठ्यक्रम के सातवें दिवस चार तकनीकि सत्रों का आयोजन किया गया। तेइसवें तकनीकि सत्र में विषय विशेषज्ञ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ शिवा कनौजिया शुक्ला ने विभिन्न रिसर्च मैट्रिक्स के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया। ऐसे सूचकांक के माध्यम से शोध पत्रिकाओं, आलेखों, एवं लेखकों के गुणवत्ता के बारे मे जानकारी मिलती है।  सत्र के अध्यक्ष महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० प्रणवीर सिंह ने कहा कि विभिन्न सूचकांकों को निकालना एक कठिन कार्य है किंतु निरंतर अभ्यास से इसे सरल बनाया जा सकता है। अनुसंधान का अर्थ ही है, स्वयं को एक शोधार्थी के रूप में स्थापित करना।  चौबीसवें तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञ सी एस डी एस, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. संजय कुमार ने मात्रात्मक अनुसंधान में आने वाली अनेकों समस्यायों एवं उनके समाधान के बारे में प्रतिभागियों से चर्चा की ।

Bihar STET 2023 ।। Bihar Shikshak patrata pariksha notification 2023।।bstet apply 2023

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https://drive.google.com/file/d/1xQ_KP3Ue-x9nKBw_UKhg7Xz_LILpTw_Z/view?usp=drivesdk Bihar stet 2023 Notification बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023