प्रेस दिवस: भारतीय मीडिया की वर्तमान स्थिति
– रौशन कुमार पाण्डेय, पत्रकार आवाज-हीन की आवाज हूं, लोकतंत्र का मैं साज हूं जनता की आलोचनाओं का हर बार बनता मैं शिकार हूं हां! मैं एक पत्रकार हूं। राष्ट्रीय प्रेस दिवस हमेशा 16 नवंबर को मनाया जाता है। मीडिया जो भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में कार्य करती है। लेकिन विगत कुछ सालों में भारतीय मीडिया ने काफी उतार चढ़ाव का सामना किया है। राजनीतिक दलों के द्वारा लगाए गए तोहमत, गोदी मीडिया, मोदी मीडिया, दरबारी मीडिया जैसे शब्द आज भी पब्लिक डोमेन में है। बात उस समय से ज्यादा प्रभावी हो जाती है जब एका एक ये खबर आती है कि एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया तब से मीडिया जगत में चर्चाओं का दौर चल पड़ता है कि आखिर रवीश के इस्तीफा का कारण क्या है। सभी लोग अपने अपने विचार और कारणों को प्रकट करते है और एक ऐसा माहौल बना दिया जाता है की मीडिया की स्वतंत्रता बस नाम भर हीं रह गया। पत्रकारिता अपने समाप्ति की ओर अग्रसर है । वैश्विक पटल पर भी भारतीय मीडिया की छवि धूमिल करने का पुरजोर ...