गलवान का एक साल: कैसे बिगड़े थे हालात, अब क्या है सीमा पर हाल?

लद्दाख की पैंगोंग झील के इलाके में अपनी-अपनी पोजिशन से पीछे भारत और चीन की सेना

साल 2017 की गर्मियों के बाद जब सिक्किम के पास डोकलाम में भारत और चीन की सेनाएं एक-दूसरे का सामना कर रही थीं तो उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की एक 'अनौपचारिक मुलाकात' हुई थी.

कूटनीति के मोर्चे पर ये वो तरीका होता है जिसका इस्तेमाल देशों के लीडर आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने और छोटी-छोटी परेशानियों को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

दुनिया ने देखा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब भारत और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद बरकरार थे.

और भी तभी टकवार की शुरुआत हुई. लद्दाख के गलवान में ठीक एक साल पहले दोनों मुल्कों की सेनाएं उस मुकाम पर पहुंच गईं जहां शांतिपूर्ण संबंध खत्म हो जाते हैं.

वहां दोनों देशों ने जिस पैमाने पर सेना इकट्ठा की और फिर जो हिंसा हुई, वो बीते चार दशकों में पहले कभी नहीं देखा गया था.

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