संस्कृत विभाग में पी-एच्.डी-सत्र २०२२ में नामांकन कार्य हुआ सम्पन्न

मोतिहारी। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी बिहार के संस्कृत विभाग में पी-एच्.डी में प्रवेश हेतु साक्षात्कार एवं नामांकन प्रक्रिया ६ व ७ जुलाई, २०२२ को सम्पन्न हुई। पी-एच्. डी. में लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर साक्षात्कार हेतु जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, विश्वभारती विश्वविद्यालय,पश्चिम बंगाल, वर्धमान विश्वविद्यालय,वर्धमान, एवं अन्यान्य राज्यों के  विश्वविद्यालयों से विद्यार्थीगण सम्मिलित हुए। लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों ने अन्तिम रूप से चयनित सूची में अपना स्थान बनाया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परास्नातक छात्र गोपाल कृष्ण मिश्र ने सर्वोच्च अंक प्राप्त कर अनारक्षित वर्ग की मेरिट सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया। विश्वभारती विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल के छात्र सुखेन घोष ने मेरिट सूची में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के एम.फिल्. छात्र सत्येन वर्मन् ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पश्चिम भंगाल की छात्रा प्रीति चौधुरी ने अनारक्षित वर्ग में चौथा स्थान प्राप्त किया तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की परास्नातक की छात्रा रंजू यादव ने  अनारक्षित वर्ग की मेरिट सूची में पांचवा स्थान प्राप्त किया।  अन्य पिछडा वर्ग की अन्तिम मेरिट सूची में रायगंज विश्वविद्यालय,पश्चिम बंगाल की छात्रा रीता रॉय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के एम.फिल्. छात्र अजय चन्द्र दास ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। अनुसूचित जाति की अन्तिम मेरिट सूची में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के परास्नातक के छात्र चैतन्यहरिमण्डल ने जगह बनाई। पी-एच्.डी में प्रवेश हेतु साक्षात्कार परीक्षा में अन्तिम रूप से चयनित सभी आठ छात्रों ने अपना नामांकन करा कर संस्कृत विभाग में शतप्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने में अपनी अभिरुचि दिखाई। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग २०१९ में खुला जब १ ही छात्र ने प्रवेश लिया था किन्तु इन ३ वर्षों में विद्यार्थियों की संख्या ३५ से अधिक हो चुकी है।

Comments

Popular posts from this blog

बेहतर स्क्रिप्ट राइटर के लिए कल्पनाशीलता जरूरी : फिल्म निर्देशक रवि भूषण

डॉ. आंबेडकर का पत्रकारिता में अद्वितीय योगदान-प्रो. सुनील महावर

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिना जांच-पड़ताल के न करें सूचनाओं का प्रसारण : सुमिता जायसवाल