नीलमणि दरोगा बन जिले का नाम रौशन किया
मोतिहारी। मुफस्सिल थाना क्षेत्र रुलही गाँव के छोटे परिवार से निकला नीलमणी कुमार दरोगा बनकर जिले व गांव का नाम रौशन किया है। इसके पिता शंकर दास व माता चंपा दास के तीन संतान में ये बडे़ है। पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं। माँ गृहणी है। इसने मैट्रिक तक कि पढाई गाँव से रहकर गोपाल साह उच्च विद्यालय मोतिहारी से 2006 में, इंटरमीडिएट की पढ़ाई इंटर गवर्नमेंट स्कूल गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल न.1 किदवई नगर नई दिल्ली CBSE 2009 में,एवं स्नातक दिल्ली यूनिवर्सिटी 2013 में B.com Honor's हुआ,नीलमणी बचच्पन से मेधावी रहे हैं,इनका अनेक प्रतियोगिता परीक्षाओ में महारत हासिल कि है BSSC मे कर्मचारी के पद पर चयन हुआ है,फिर SSC में स्टेनो के पद पर चयन हुआ, फिर बिहार दारोगा सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ है। बचपन से प्रसासनिक सेवा में जाना चाहते थे। समाज में शिक्षा के प्रति बहुत ज्यादा जागरूक करने का काम करते हैं। प्रतियोगिता परीक्षा के तैयारी करने वाले विधार्थीयो से इनका कहना है कि काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च।
अल्पहारी, सदाचारी, विद्यार्थी जीवन पंच लक्षणं।।
काक चेष्टा -विद्यार्थी को हमेशा कौआ की तरह चेष्टा रखनी चाहिए, जहां-जहां ज्ञान मिल रहा हो उसे गहण करे लेना चाहिए।
बको ध्यानं -बगुलें की तरह अपना ध्यान लगाना चाहिए जिस तरह बगुला पानी में मछली पकड़ने के लिए ध्यान लगता है,ठीक उसी तरह विद्यार्थी को अपना ध्यान ज्ञान गहण करने में लगाना चाहिए।
स्वान निद्रा -यह स्वान का अर्थ कुत्ता है, जिस तरह कुत्ता हल्की से अहट पर उठ जाता है कोई आलस नहीं करता है उसकी प्रकार एक विद्यार्थी का कभी आलस नहीं करना चाहिए।
अल्पहारी - विद्यार्थी को हमेशा कम खाना चाहिए जिससे उसकी पचान क्रिया स्वथ्य रहे और आलस नहीं आयें।
सदाचारी - विचारों में हमेशा सकारात्मक विचार ही रहने चाहिए, अपने से बड़ों व शिक्षक का सम्मान करना चाहिए। अपनों से छोटों से प्यार करना चाहिए।
ये पांच लक्षण एक विद्यार्थी के अन्दर होने चाहिए या अपने जीवन में इन पांच लक्षणों को अपनाना चाहिए।तब ही आप सफल हो सकतें है आपने मंजिल को पा सकते हैं,नीलमणी कुमार दास आपने सफलता के श्रेय पिता शंकर दास,माता चंपा दास भाई मदन कुमार दास,बहन दिपावली,बड़े पापा नरायण दास को देते हुए कहते हैं कि लगातार अध्ययन के दौरान मित्र समान बडे़ भाई ओमकार प्रसाद जी (अखिल भारतीय विधार्थी परिषद बिहार प्रदेश पुण्यकालिक विस्तारक पटना राजधानी) का सानिध्य,हौसला एवं गाइडलाइन देते रहे,वही लक्ष्य फिजकल एकेडमी गाधी मैदान मोतिहारी के डायरेक्टर गुड्डू सिंह कुशवाहा फिजिकल ट्रैनर का बहुत अच्छा रनिंग,सिजर जंप, टाइगर जंप,हाई जंप,लंग चंप व मार्गदर्शन के रूप में मेहनत, आशीर्वाद, सत्यार्थ GS कालासेज के अध्यापक BDO सत्यप्रकाश सर का सानिध्य व आशीर्वाद से यह मुमकिन रहा है,नीलमणी की सफलता पर गाँव में खुशियों का माहौल एवं युवाओं की सोच में काफी बदलाव आया है,नीलमणी ट्यूशन पढा कर के अपनी पढाई एवं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते थे,सफलता पर बधाइयाँ देने में गुड्डू सिंह कुशवाहा,कुन्दन कुमार,राकेश सिंह,ओमकार प्रसाद कुशवाहा,शिक्षक संदीप कुमार सिंह, पूर्व मुखिया रामदेव राम, वर्तमान मुखिया मदन मोहन दास, मित्र प्रकाश कुमार, वार्ड सदस्य नरेश कुमार,विनय कुमार व अन्य लोगों ने बधाई दिया।
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