भारत वैश्विक नागरिकता की भावना का सदैव पक्षधर- प्रो. जेपी लाल

मोतिहारी। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग शिक्षा संकाय द्वारा दो दिवसीय नेशनल कान्फेंस 'ग्लोबल वेळ बीइंग @ग्लोबल सिटिज़नशिप इन द वर्चुअल वर्ल्ड' विषय पर आयोजित की गयी | कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन सह माल्यार्पण एवं सरस्वती वन्दना के द्वारा किया गया | तत्पश्चात कार्यक्रम में स्वागत वक्तब्य सह विषय परिवर्तन संकायाध्यक्ष प्रो.आशीष श्रीवास्तव के द्वारा किया गया | जिसमे उन्होंने कहा कि वैश्विक नागरिकता समाज की मांग है | जिसकी वकालत राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० भी करती है | उनके द्वारा इस विषय पर प्रकाश डाला गया की कैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस मांग को पूरा कर रही है | तदुपरांत मुख्य अतिथि प्रो. जे. पी. लाल (कुलाधिपति केन्द्रीय विश्वविद्यालय झारखण्ड) का सानिध्य प्राप्त हुआ | जिसमें उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक नागरिकता की भावना का हमेशा पक्षधर रहा है | उन्होंने आगे कहा कि भारत की सभ्यता रही है वह केवल धर्म जाति आदि का प्रचार नही किया ,बल्कि वह मानव को श्रेष्ट बनाने का पुष्टि करता है| तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. राकेश चंद्रा (दर्शन विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय ) का शानदार ओजश्वी उद्बोधन प्राप्त हुआ | जिसमे उन्होंने कहा कि शिक्षा जानकारी के लिए नहीं बल्कि एक अच्छे इन्सान के रूप में पहचान दिलाना है | उन्होंने महिला ससक्तिकरण पर प्रकाश डाला गया| उन्होंने यह भी बताया कि भाषा की उपयोगिता राष्ट्रीयता को बलवती करने में कैसे मदद करती है | उसके बाद कार्क्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ( निदेशक वैदिक साइंस बनारस हिन्दू विश्विद्यालय ) जिसमे उन्होंने भारतीय दर्शन के महत्त्व के बारे में विस्तृत चर्चा की | उन्होंने पञ्चभूतों की चर्चा करते हुए उसकी विशेषता उपयोगिता और ज्ञान आदि पर चर्चा की | तत्पश्चात कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव का उद्बोधन प्राप्त हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि वैश्विक नागरिकता व्यक्तियों में न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण, सहिष्णु, समावेशी, सुरक्षित भूमिका निभाने और साथ ही साथ उसे सशक्त बनाना है | स्वागत समारोह के अंत में शैक्षिक अध्ययन विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया| इसके उपरांत कार्यक्रम में तीन प्लेनरी सेशन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में क्रमशः प्रो. ज्ञान देवमणि त्रिपाठी पूर्व संकायाध्यक्ष आर्यभट्ट नॉलेज विश्वविद्यालय, डॉ सुनीता सिंह शिक्षा संकाय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय श्री आस्तिक मिश्र शोध छात्र शैक्षिक अध्ययन विभाग का उद्बोधन प्राप्त हुआ| एकेडमिक आयोजन के तत्पश्चात सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया| इस मौके पर महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय परिवार से प्रो. प्रणवीर सिंह, डॉ परमानंद त्रिपाठी,डॉ श्याम झा,डॉ गरिमा त्रिपाठी, प्रो. बृजेश पांडेय, डॉ परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ विमलेश सिंह आदि लोगों ने सक्रिय सहभागिता की।इस कार्यक्रम में सौ से अधिक सहभागी दूसरे विश्वविद्यालय से आए हुए थे। इस मौके पर गणेश शुक्ला अंगद सिंह, गौतम, शुभ्रा, मेनका, कनाई , सुजॉय, पार्थ सरकार, मनीष, प्रणव वर्मन आदि शोध छात्र उपस्थित थे।

Comments

Popular posts from this blog

बेहतर स्क्रिप्ट राइटर के लिए कल्पनाशीलता जरूरी : फिल्म निर्देशक रवि भूषण

डॉ. आंबेडकर का पत्रकारिता में अद्वितीय योगदान-प्रो. सुनील महावर

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिना जांच-पड़ताल के न करें सूचनाओं का प्रसारण : सुमिता जायसवाल