शोधार्थी के जेआरएफ से एसआरएफ के लिए आयोजित हुई बैठक
मोतिहारी। महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग में अध्ययनरत सत्र: 2019-20 के पीएच.डी. शोधार्थी विकाश कुमार की जेआरएफ फेलोशिप के एस.आर.एफ.(Senior Research Fellowship)अपग्रेडेशन हेतु ऑनलाइन मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें शोध प्रगति के निरीक्षण हेतु गठित मूल्यांकन समिति के बाह्य विशेषज्ञ के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रो. अनुराग दवे, महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के प्रबंधन विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रो. डॉ. सपना सुगंधा तथा मीडिया अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा सहित विभाग के अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे। यूजीसी के नियमों के अनुसार पीएच.डी. पाठ्यक्रम में पंजीयन की तिथि से लेकर जे.आर.एफ.(Junior Research Fellowship) की 2 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के पश्चात विभाग द्वारा शोध प्रगति के निरीक्षण हेतु कुलपति जी के द्वारा एक तीन सदस्यीय मूल्यांकन समिति का गठन किया जाता है जिसके समक्ष शोधार्थी को अपने दो वर्ष के शोध की प्रगति प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। समिति द्वारा शोध प्रगति से संतुष्ट होने के पश्चात ही शोधार्थी की फेलोशिप जे.आर.एफ. से एस.आर.एफ. में कन्वर्ट होती है।
विकाश कुमार 'सामाजिक जागरूकता के प्रसार में वेब मीडिया की भूमिका' विषय पर डॉ. अंजनी कुमार झा के निर्देशन में शोध कर रहे हैं।
गूगल मीट पर आयोजित मीटिंग में विकाश कुमार ने अपने दो वर्षों की शोध प्रगति को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। प्रस्तुति के बाद डॉ. अनुराग दवे तथा डॉ. सपना सुगंधा ने शोधार्थी को शोध प्रविधि, सैम्पलिंग, डेटा कलेक्शन आदि पहलुओं से सबंधित कई महत्वपूर्ण सुझाव तथा शुभकामनाएं दीं। मीटिंग में मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र तथा डॉ. सुनील दीपक घोड़के ने भी शोधार्थी को अपने बहुमूल्य सुझावों से अवगत कराया।
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