जनसंचार सिद्धान्त व प्रतिरूप पुस्तक का कुलपति ने किया विमोचन

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा द्वारा लिखित पुस्तक जनसंचार सिद्धान्त और प्रतिरूप का विमोचन महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने की। विमोचन जिला स्कूल स्थित चाणक्य परिसर के कुलपति कार्यालय में सम्पन्न हुई। 

डॉ. झा की पुस्तक का विमोचन करते हुए कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि जनसंचार की महत्ता आज दिन-प्रतिदिन व्यापक होता जा रहा है। पुस्तक में जनसंचार के सैद्धांतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है जो पत्रकारिता एवं जनसंचार के अध्येताओं व विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी होगी। उन्होंने डॉ. झा को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय परिवार के लिए प्रसन्नता की बात है।

वर्तमान में डॉ. झा महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। डेढ़ दशक से अधिक का शिक्षण अनुभव तथा नवभारत, स्वदेश, दैनिक भास्कर सहित विभिन्न समाचारपत्रों में कार्यकारी संपादक और समाचार समन्वयक आदि पदों पर कार्य करने का आपको व्यावसायिक अनुभव है।
डॉ. अंजनी कुमार झा प्रिंट मीडिया और विकास संचार में विशेषज्ञ हैं। डॉ. झा की अनेक स्वरचित पुस्तकें प्रकाशित भी हुई हैं। जिसमें दोहरे मापदंड, मध्यप्रदेश की लोक कथाएँ, हिंदी के प्रमुख समाचारपत्र और पत्रिकाएं, ग्राम्य विकास और स्वदेशी संसाधन, महापुरुषों की गौरव गाथा, मुद्दे की बात, कैसे मिले समान शिक्षा, आतंकवाद और मीडिया, जीवन के दो टुकड़े, पत्रकारिता और संपादक प्रमुख है। यह पुस्तकें प्रकाशन विभाग, एनबीटी समेत महत्वपूर्ण प्रकाशनों से प्रकाशित हैं।

डॉ. झा राजेंद्र माथुर फेलोशिप, कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल के द्वारा फेलोशिप प्राप्त हैं। डॉ. झा को, संस्कृति मंत्रालय और भारत सरकार के द्वारा भी फेलोशिप मिली है। मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा 2 लाख रु. का शिक्षा पुरस्कार और राष्ट्रीय स्तर के 5 फेलोशिप डॉ. झा ने प्राप्त किए हैं। अभी हाल ही में आपको साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा एक लाख रुपये का अखिल भारतीय कृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पत्रकारिता के क्षेत्र में डॉ. झा ने अपनी अमिट छाप छोड़ते हुए विभिन्न विषयों पर 1000 से अधिक लेख लिखे हैं। 

डॉ. अंजनी कुमार झा ने पुस्तक की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तक का लेखन वर्तमान संचार व्यवस्था एवं उसमें आये आमूल-चूल परिवर्तन को ध्यान में रखकर किया गया है। भाषा की सरलता, अन्तर्वस्तु, लालित्य, सरसता और माधुर्य को बनाए रखने के लिए इसे दस अध्यायों में विभक्त किया गया है। पुस्तक में मीडिया की ताकत को कई कोणों से दर्शाया गया है।
  मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक प्रो. डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. साकेत रमण , डॉ. सुनील दीपक घोडके और डॉ. उमा यादव ने भी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों , शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने भी बधाई दी है।

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