अमेरिकी दार्शनिक नेल नोडिंग के प्रथम पुण्यतिथि पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित

मोतिहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग, शिक्षा संकाय के तत्वाधान में अमेरिकी दार्शनिक नेल नोडिंग के प्रथम पुण्यतिथि पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार आयोजित किया गया। जिसका विषय ‘नेल नोडिंग केयर इथिक्स एंड कांफ्युसीनिज्म रेन इथिक्स’ था। कार्यक्रम की अध्यक्षता महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर संजय श्रीवास्तव एवं मुख्य वक्ता डा. टेरसा ची व्वा शी प्रोविडेंस विश्वविद्यालय ताइवान से थी। शुभारंभ सुप्रभा डे द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ मुकेश कुमार ने की। 
अध्यक्षीय उद्बोघन में कुलपति प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा में केयर एजुकेशन की विचारधारा पहले से विद्यमान है। वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रारंभिक शिक्षा में ‘बाल वाटिका’ की संकल्पना जहां एक शिक्षक विद्यार्थियों पर ध्यान केंद्रित करके भावात्मक, ज्ञानात्मक और शारीरिक क्षमता का विकास करेगा। 
 विषय प्रवर्तन संकायाध्यक्ष प्रो. आशीष श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि विषय वस्तु की अपेक्षा छात्र महत्वपूर्ण है जो नेल नोडिंग के विचारों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जिसकी मंशा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के रूप में परिलक्षित होती है। आयोजन सचिव मनीष कुमार ने विषय के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि नैतिकता की देखभाल 21वीं सदी की महती आवश्यकता है, जिसे नेल नोडिंग के केयर इथिक्स के दर्शन से प्राप्त किया जा सकता है। 

मुख्य वक्ता डा. टेरसा ची व्वा शी ने कहा कि केयर इथिक्स को पाठ्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सिद्धांत रूप में क्रियान्वित कर सकते हैं, मुख्य रूप से लचीलापन, बहुआयामी, बहुत स्तरीय, खेल आधारित, गतिविधि आधारित,सहभागिता आधारित अधिगम प्रक्रिया और खोज आधारित शिक्षा को शामिल किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने भारतीय छात्रों को ताइवान आने का प्रस्ताव भी दिया।

प्रश्नोत्तरी सत्र का सफल संचालन डॉ मनीषा रानी के द्वारा किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम के समन्वयक डॉ रश्मि श्रीवास्तव ने की। इस मौके पर विश्वविद्यालय परिवार के अनेक आचार्य गण, शोधार्थी, विद्यार्थी देश एवं विदेश के विभिन्न प्रतिभागी आभासी मंच पर जुड़े रहे। मुख्य रूप से शोध छात्र , अंगद सिंह, शुभ्रा,आलोकिता विशाल ,पार्था सरकार, सुमित साहू ,सुनील दुबे, गणेश शुक्ल, आस्तिक मिश्र, कनाई सरकार आदि ने कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता निभाई । समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ |

Comments

  1. बहुत अच्छा कार्यक्रम ऐसे ज्ञानवर्धक आयोजन और भी हों

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